

नई दिल्ली/श्रीनगर. दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में खून जमा देने वाली ठंड से बचाव के लिए तैनात हर एक भारतीय सैनिक को एक लाख रुपए की किट दी जाती है। इसके अलावा हर सैनिक 1.50 लाख रुपए के उपकरण से लैस रहता है।सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जनवरी के दूसरे सप्ताह में सियाचिन की यात्रा के दौरान सैनिकों को दिए जाने वाले उपकरणों और उनकी व्यक्तिगत किट की जांच और समीक्षा की थी। इस दौरान सेना प्रमुख ने निर्देश दिए थे कि सियाचिन में तैनात सैनिकों को ठंड से सुरक्षा के लिए हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाए। पाकिस्तान की हरकतों पर रोक लगाने के लिए भारत सियाचिन ग्लेशियर पर 17,000 फीट से लेकर 22,000 फीट तक तीन दशकों से अधिक समय से सेना की तैनाती कर रहा है।
सियाचिन में तैनात सैनिकों की किट और उनकी लागत, रुपए में:
ठंड से बचाने का विशेष कपड़ा | 28000 |
विशेष स्लीपिंग बैग | 13000 |
खास तरह के दस्ताने | 14000 |
मल्टीपर्पज जूते | 12500 |
ऑक्सीजन सिलेंडर *(प्रत्येक) | 50000 |
हिमस्खलन पीड़ितों का पता लगाने का उपकरण और गैजेट्स | 8000 |
सेना प्रमुख जनरल नरवणे जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर, एलओसी भी जाएंगे
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर बुधवार काे जम्मू पहुंचे। वे सेना के अभियानों और सुरक्षा हालात की समीक्षा करेंगे। सेना प्रमुख जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना की चौकियों का भी दौरा करेंगे। उत्तरी कमान मुख्यालय की यात्रा के दौरान सेना प्रमुख को सेना अधिकारी राज्य में सुरक्षा हालात की जानकारी देंगे।
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