
DNA Analysis: इस विश्लेषण की शुरुआत से पहले प्रसिद्ध शायर अल्लामा इकबाल की कविता की चार पंक्तियां आपको पढ़ाते हैं. विशेष रूप से हमने ये पंक्तियां असदुद्दीन ओवैसी के लिए चुनी है. यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रोमा, सब मिट गए जहां से बाकी मगर है अब तक, नामों निशां हमारा. कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन, दौर ए जहां हमारा.
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