
DNA Analysis: जिस तरह दिन और रात एक साथ नहीं हो सकते उस तरह मातम और जश्न भी एक साथ नहीं हो सकते अगर कहीं मातम और जश्न एक साथ चल रहा है तो मान लीजिए ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है. आज बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में संवेदनहीनता की ऐसी ही पराकाष्ठा दिखाई दी.
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