
सूत्रों का कहना है कि सरकार टीकाकरण अभियान तेज करना चाहती है. ऐसे में सरकार के पास स्वदेशी टीके का तत्काल उत्पादन बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र कुछ और सरकारी और निजी दवा कंपनियों को अनिवार्य लाइसेंस जारी कर टीका बनाने की अनुमति दे सकता है.
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