काेराेना से सर्वाधिक प्रभावित न्यूयाॅर्क के मरीजाें पर रिसर्च, 94% काे एक न एक बीमारी, वेंटिलेटर पर गए 88% की माैत https://ift.tt/2yHnYuN

न्यूयॉर्क शहर अमेरिका का हाॅटस्पाॅट बना हुआहै। यहां पाॅजिटिव हाेकर अस्पताल में भर्ती हुए मरीजाें में लगभग हर व्यक्ति काे एक से अधिक बीमारी थी। इनमें 53% काे हाइपरटेंशन, ताे 41% को मोटापे की समस्या थी। अमेरिकन मेडिकल एसाेसिएशनके जर्नलमें प्रकाशित ताजा रिसर्चके मुताबिक, शाेधकर्ता काेराेनावायरस से पाॅजिटिव हाेकर अस्पताल पहुंचे मरीजाें के बारे में जानना चाहते थे। शाेधकर्ताओं ने ऐसे 5,700 लाेगाें का इलेक्ट्राॅनिक हेल्थ रिकाॅर्ड जांचा। इससे पता चला कि काेराेना पाॅजिटिव मरीजाें की औसत उम्र 63 वर्ष थी और इनमें से 94% काे एक न एक बीमारी पहले से थी। इनमें सबसे अधिक राेगी हाइपरटेंशन (लगभग 53% मरीज), माेटापे (लगभाग 42% मरीज) और डायबिटीज (लगभग 32% मरीज) के थे।

वेंटिलेटर पर रखे मरीजाें के ठीक हाेने का प्रतिशत बहुत कम रहा

शाेधकर्ताओं ने अस्पताल छाेड़ चुके यानी मृत घाेषित या स्वस्थ हाेकर लाैटे 2,634 मरीजाें के आंकड़ाें का अध्ययन किया। इसके मुताबिक, 14% का इलाज आईसीयू में किया गया जबकि 12% काे वेंटिलेटर पर रखा गया और 3% की किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी की गई। इनमें21% की माैत हाे गई। वेंटिलेटर पर रखे मरीजाें के ठीक हाेने का प्रतिशत बहुत कम रहा। यानी कि वेंटिलेटर पर गए मरीजों में से88% की माैत हाे गई। जिन मरीजाें की माैत हुई, उनमें डायबिटीज के अधिक मरीज वेंटिलेटर पर लिए गए। फिनस्टीन इंस्टीट्यूट फाॅर मेडिकल रिसर्च की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट करीना डैविडसन के मुताबिक, गंभीर बीमारी का काॅकटेल खतरा बढ़ा देता है। इनका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

अस्पताल में भर्ती 5,700 मरीजाें के सर्वे की सचाई

एक से अधिक 88%
एक 6.3%
एक भी नहीं 6.1%

हाइपरटेंशन के मरीज ज्यादा प्रभावित हुए

  • हाइपरटेंशन: 53.1%
  • माेटापा (बीएमआई 30 से अधिक): 41.7
  • माेर्बिड डायबिटीज (बीएमआई 35 से अधिक) : 31.7%
  • काेराेनरी आर्टरी डिसीज : 10.4%
  • अस्थमा : 8.4%
  • हार्ट फैल्याेर : 6.5%
  • कैंसर : 5.6%
  • सीओपीडी : 5%


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रिसर्च में पता चला कि वेंटिलेटर पर रखे मरीजाें के ठीक हाेने का प्रतिशत बहुत कम रहा। कुल मरीजों में से 88% की माैत हाे गई। -फाइल फोटो

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