केजरीवाल की नई दिल्ली सीट समेत 10 प्रमुख सीटें, पिछले चुनाव में इनमें से सिर्फ एक सीट पर आप हारी थी https://ift.tt/2UFN1aJ

नई दिल्ली. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 10 सीटें ऐसी हैं, जिन पर सबकी नजर है। 2015 में इन 10 में से आम आदमी पार्टी ने 9 सीटें जीती थीं। रोहिणी सीट पर भाजपा के विजेंद्र गुप्ता जीते थे। शाहीन बाग इलाका ओखला विधानसभा सीट के तहत आता है। यहां से अभी आप के अमानतुल्ला खान विधायक हैं। इस सीट के परिणाम पर भी सबकी नजर रहेगी।

नई दिल्ली
पिछले 22 साल से यहां से जीता विधायक ही दिल्ली का मुख्यमंत्री बन रहा है। 1998 से 2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित यहां से विधायक और राज्य की सीएम रहीं। 2013 से अरविंद केजरीवाल यहां से जीत रहे हैं। इस बार केजरीवाल का मुकाबला भाजपा के सुनील यादव से है।

पटपड़गंज
यह उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट है। सिसोदिया के सामने भाजपा ने रवि नेगी तो कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत को उतारा है। 2015 में सिसोदिया ने आप के पूर्व विधायक और भाजपा उम्मीदवार विनोद कुमार बिन्नी को 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। सिसोदिया दिल्ली सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री हैं। आप जिन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा काम करने का दावा करती है, उनमें शिक्षा प्रमुख है। ये विभाग सिसोदिया के ही पास है।

चांदनी चौक
2015 में आप की अलका लांबा ने चार बार के विधायक प्रह्लाद सिंह को हराया था। इस बार अलका कांग्रेस उम्मीदवार हैं। पिछली बार तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह इस बार आप के टिकट पर मैदान में हैं।

मॉडल टाउन
भाजपा ने यहां से कपिल मिश्रा को उतारा है। मिश्रा 2015 में करावल नगर से आप के टिकट पर जीते। केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे। विवादित तरीके से कैबिनेट से बाहर किए जाने के बाद आप विधायक रहते हुए लगातार अपनी सरकार पर हमलावर रहे।

द्वारका
कांग्रेस ने यहां से लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री को उतारा है। आदर्श 2015 में आप के टिकट पर यहां से जीते थे। उन्होंने चार बार के विधायक कांग्रेस के महाबल मिश्रा को हराया था। इस बार मिश्रा के बेटे विनय आप के उम्मीदवार हैं। भाजपा ने एक बार फिर द्वारका से दो बार विधायक रहे प्रद्युम्न राजपूत को उतारा है।

बल्लीमारान
कांग्रेस के हारुन यूसुफ 1993 से 2013 तक लगातार 5 बार यहां से विधायक रहे। शीलादीक्षित सरकार में मंत्री रहे। 2015 में उन्हें आप के इमरान हुसैन से हराया था। इस फिर दोनों आमने-सामने हैं।

रोहिणी
2015 में भाजपा को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। इनमें रोहिणी सीट भी थी। यहां से जीते विजेंद्र गुप्ता एक बार फिर मैदान में हैं। गुप्ता 2013 में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। आप ने 2013 में यहां जीते राजेश बंसीवाला को एक बार फिर मैदान में उतारा है।


ओखला
पूरे चुनाव के दौरान भाजपा और उसके नेता शाहीन बाग का मुद्दा उठाते रहे। ये इलाका ओखला विधानसभा में पड़ता है। यहां से आप के मौजूदा विधायक अमानतुल्ला खान एक बार फिर मैदान में हैं। इस विधानसभा में करीब 43% मुस्लिम मतदाता हैं। दिल्ली की तीन विधासभा सीटें जहां 40% से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं उनमें ओखला के अलावा सीलमपुर और मटियामहल शामिल हैं।


गांधी नगर
शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे अरविंद सिंह लवली एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर मैदान में हैं। यहां से चार बार विधायक रहे लवली 2017 में भाजपा में चले गए थे। 2018 में उनकी कांग्रेस में दोबारा वापसी हुई। 2015 में उन्हें आप के अनिल कुमार वाजपेयी ने हराया था। इस बार वाजपेयी भाजपा के टिकट से उनके सामने हैं। आप ने यहां नवीन चौधरी को टिकट दिया है।

राजिंदर नगर

आप ने 2019 लोकसभा चुनाव के अपने तीन उम्मीदवारों को इस बार विधानसभा चुनाव में भी उतारा है। इनमें राजिंदर नगर से राघव चड्ढा मैदान में हैं तो कालकाजी से आतिशी मारलेना उम्मीदवार हैं। तिमारपुर से दिलीप पांडेय अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। 2015 में राजिंदर नगर सीट से आप के विजेंद्र गर्ग जीते थे।



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